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राम नाम बैंक, प्रयागराज

‘गीता कुरान सब एक समान, इसे पढ़े हर एक इंसान, न धर्म से न जात से, हमारी पहचान हो सिर्फ इंसान से’’ राम नाम बैंक प्रयाग के खाताधारक फैसल ख़ान अक्सर राम नाम लिखते समय यही जु़मला पढ़ते हैं। राम, रहीम, ईश्वर, अल्लाह, गाॅड, सब एक हैं, हम सभी एक परमात्मा की संतान हैं। यही सद्भावना का संदेश वर्षों से देता आ रहा है प्रयाग का राम नाम बैंक।

साम्प्रदायिक एकता की अद्भुत मिसाल राम नाम बैंक - प्रयाग का राम नाम बैंक साम्प्रदायिक एकता की अद्भुत मिसाल के रुप देखा जाता है क्योंकि इस बैंक में न केवल हिन्दुओं के बल्कि हर धर्म के लोगों के खाते हैं। हिन्दु, मुस्लिम सिख, ईसाई व अन्य कई मत-पंथों के अनुयायियों ने भी अपने खाते खोल रखे हैं और उसे नियमित रुप से चला रहे हैं। बैंक के खाताधारक मुहम्मद रईस अहमद, चांद बाबू, मो. आसिफ और नसरीन कहते हैं कि राम नाम लिखने से मन को शांति व शरीर को ऊर्जा मिलती है। मसीही समाज के मॉन्ट्रोस, विनोद इक्का, अनुराग प्रतीक साइमन भी बैंक में खाता खोलकर ही प्रसन्न हैं। इस बैंक में खाताधारको को उनके नाम, पद, प्रतिष्ठा के अनुरुप प्राथमिकता या सम्मान नहीं मिलता है, अपितु सबको रामभक्त मानकर आदर व सम्मान दिया जाता है। इस बैंक से जुडने वालों में न्यायमूर्ति, प्रशासनिक अधिकारी, नेता, व्यापारी, छात्र्, गृहस्थ, छोटे बच्चे सभी लोग शामिल हैं। प्रत्येक वर्ष संगम तट पर राम नाम बैंक के शिविर में असंख्य श्रद्धालु संगम के अक्षयवट मार्ग पर राम नाम लिखकर पूजा-अर्चना करते हैं।

राम नाम का कर्ज देकर मनोकामना पूरी करने वाला अनोखा बैंक - जहां आदमी अपनी दैनिक, सांसारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से रूपए-पैसे का कर्ज लेेता है, वहीं आध्यात्मिक उर्जा, शांति, मोक्ष, कष्टों से निवारण एवं मनोकामना पूर्ति के लिए भक्त राम नाम बैंक से राम नाम का कर्ज लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि कर्ज के रूप में सवा लाख राम नाम लिखने का संकल्प पूर्ण करने पर मनोकामनओं की पूर्ति होती है।

खासियत इस बैंक की - अनादिकाल से लोग राम नाम लिखते आ रहे हैं, राम नाम बैंक ने जप माला के क्रम से 108 बार राम नाम एक पेज पर अंकित करने की विधि तैयार की है जो प्रयाग वासियों को ही नहीं, दूर देश के कोने-कोने और विदेश तक भी पहुंच चुकी है। जैसे 108 बार व्यक्ति जप करता है, उसी प्रकार कम से कम 108 बार नित्य राम नाम लिखना चाहिए।

रामनवमी पर होता है विशेष पूजन - राम नाम बैंक की प्रतिवर्ष संगम शाखा, माघ मेले एवं कुम्भ के दौरान संगम के अक्षय क्षेत्र पर दूर-दराज से आए भक्तों द्वारा लाल कलम से राम नाम अंकित प्रपत्रों को संजोकर एकत्र करती है जिनका रामनवमी पर विशेष पूजन एवं परिक्रमा भक्तों द्वारा किया जाता है। राम नाम बैंक के राम नाम कोष में आठ करोड़ से अधिक राम नाम लिखे प्रपत्र संग्रहित हैं। ये राम नाम भक्तों द्वारा हस्तलिखित हैं। राम नाम से मां गंगा, त्रिवेणी तट की आकृति एवं प्रयागराज, शिवजी आदि की आकृति भक्तों द्वारा बनाकर जमा है।

विभिन्न भाषाओं में जमा है राम का नाम - हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, अंग्रेजी आदि अनेक भाषाओं में राम नाम भक्तों द्वारा हस्तलिखित हैं। बैंक के प्रयागनगरी में ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी अनेक श्रद्धालु हैं जो नित्य राम का नाम अपनी-अपनी भाषाओं में लिखकर जमा करते हैं।

आधुनिकता से भी जुड़ा है राम नाम बैंक - फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नैटवर्किंग साइट पर भी है राम नाम की गूंज। आधुनिक युवा पीढ़ी को राम नाम की भक्ति से जोड़ने के लिए राम नाम बैंक इन्टरनेट पर, फेसबुक पर भी सक्रिय है। संस्था द्वारा राम नाम लिखने के नियम एवं ढेरों जानकारियां ई-मेल द्वारा भिजवाई जाती है। राम नाम लेखन पुस्तिका इन्टरनेट से निःशुल्क डाउनलोड भी की जा सकती है। सूचना तकनीक के अति आधुनिक होने से लोग घर पर ही बैठकर कम्प्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट पर ही राम नाम टाइप करते हैं और पेन ड्राइव आदि में सुरक्षित कर रामनवमी तक डिजिटल रूप में भगवान राम का नाम बैंक के मुख्य कम्प्यूटर में सेव करते हैं। इस आधुनिकीकरण के जरिए कागज की बचत होती है और युवा पीड़ी भी धर्म-कर्म से जुड़कर अपनी रोजमर्रा के तनाव से मुक्ति पाती है।

प्रतिवर्ष रामनवमी तक होता है लेखा-जोखा पूर्ण - राम नाम लेखन के पश्चात् भक्त वर्ष भर पुस्तिका बैंक में जमा करते रहते हैं। पहली बार जमा करने पर भक्तों को एक खाता संख्या प्रदान की जाती है और उसके बाद हर बार उसी खाते में उनके द्वारा लिखित राम नाम का लेखा-जोखा चढ़ाया जाता है। रामनवमी तक यह लेखा-जोखा पूर्ण हो जाता है, रुपए-पैसे वाले बैंक 31 मार्च को अपना हिसाब-किताब बराबर करते हैं और राम बैंक रामनवमी के दिन जो कि 31 मार्च के आस-पास पड़ती है, अपना लेखा-जोखा बराबर करते हैं। रामनवमी तक राम नाम को लाल और पीले रंग के वस्त्रों में लपेटकर राम भक्त परिक्रमा पथ बनाकर उसकी परिक्रमा करते हैं।

राम नाम बैंक से कर्ज लेने वालों के लिए नियम - जो व्यक्ति रामनाम का कर्ज लेता है उसे बैंक के कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। जब तक पाठ-जप पूरा न हो मदिरा, मांस, मछली, प्याज और लहसुन खाना वर्जित है। लेखन के लिए बैंक के छपे प्रार्थना पत्रों को विधिवत भरना होता है।

तारक मंत्र है राम नाम - मोक्ष प्राप्ति, शांति एवं आध्यात्मिक उर्जा ग्रहण करने के अनेकानेक माध्यम हैं, विभिन्न देवी-देवताओं की आराधना से व्यक्ति विशेष को आत्मविश्वास, सफलता, एकाग्रता एवं लक्ष्य की प्राप्ति होती है। उसमें सरल, व्ययशून्य, कलियुग में अत्यन्त प्रभावी है ‘राम नाम’। शास्त्रों में राम नाम को तारक मंत्र कहा गया है, यह लोक-परलोक दोनों को तारता अर्थात् संवारता है। राम नाम की परिक्रमा ब्रह्माण्ड की परिक्रमा समान है।

सदस्य बनने के लिए कोई आयु सीमा नहीं - राम नाम बैंक का सदस्य बनने के लिए कोई आयु सीमा नहीं, बस भगवान राम के प्रति मन में श्रद्धा-विश्वास होनी चाहिए। प्रयाग के राम बैंक को मानव कल्याण विश्व स्तर का बनने हेतु अकेले एक आदमी के बस की बात नहीं है, इसलिए हर वो शक्स जो अपना समय राम बैंक के कार्य में देता है, वह इसका सदस्य बन सकता है। 3 से 6 वर्षों के बालक से 90 वर्ष के लोग भी लिख रहे हैं राम नाम।

राम नाम बैंक, प्रयागराज


संस्थान का स्थायी पता - राम नाम सेवा संस्थान, यू-5, एन0पी0ए0आर्केड, 23, एम0जी0मार्ग0 सिविल लाइन्स, प्रयागराज, 211001 (उत्तर प्रदेश)


माघ मेले का पता - राम नाम बैंक, राम नाम सेवा संस्थान, अक्षयवट मार्ग, उत्तरी पटरी, संगम नोज़


कुम्भ, अर्द्धकुम्भ का पता - राम नाम बैंक, राम नाम सेवा संस्थान, सैक्टर 6, कैलाशपुरी मार्ग, पूर्वी पटरी


राम हेल्पलाइन - 9305235153 ram@ramnaambank.in